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✅ 1. योग का अर्थ:
योग का अर्थ है जुड़ना, संयम, एकता।
यह शरीर, मन और आत्मा के संतुलन की प्रक्रिया है।
✅ 2. योग का जन्मस्थान:
जनश्रुति के अनुसार शिव को योग का संस्थापक माना गया है।
भारत को योग की जन्मभूमि माना जाता है।
योग का उल्लेख सबसे पहले ऋग्वेद और उपनिषदों में मिलता है।
✅ 3. योग सूत्र के रचयिता:
महर्षि पतंजलि ने योग को एक व्यवस्थित रूप दिया।
उनकी रचना "योगसूत्र" योग दर्शन का आधार ग्रंथ है।
✅ 4. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस:
21 जून को हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
यह दिवस संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2014 में घोषित किया गया।
इसका प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा था।
✅ 5. योग से जुड़े प्रसिद्ध व्यक्ति:
रामदेव बाबा – भारत में योग को लोकप्रिय बनाने वाले प्रमुख व्यक्ति।
बी.के.एस. अय्यंगर – अय्यंगर योग शैली के प्रवर्तक।
✅ 6. योग दिवस की थीम:
2025 एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग
2024 स्वयं और समाज के लिए योग
2023 वसुधैव कुटुम्बकम् के लिए योग
2022 मानवता के लिए योग
2021 कल्याण (भलाई) के लिए योग
2020 घर पर योग और परिवार के साथ योग
2019 हृदय के लिए योग
2018 शांति के लिए योग
2017 स्वास्थ्य के लिए योग
2016 युवाओं से जुड़ाव के लिए योग
2015 योग: सद्भाव और शांति के लिए
✅ 7. योग का सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ:
पतंजलि का योगसूत्र – कुल 195 सूत्र हैं।
✅ 8. योग के 8 अंग(अष्टांग):
1️⃣ यम (Yama)- सामाजिक अनुशासन — दूसरों से कैसा व्यवहार करें।
🔹 अहिंसा (हिंसा न करना)
🔹 सत्य (सच्चाई)
🔹 अस्तेय (चोरी न करना)
🔹 ब्रह्मचर्य (इंद्रिय संयम)
🔹 अपरिग्रह (लोभ न करना)
2️⃣ नियम (Niyama) - व्यक्तिगत अनुशासन — स्वयं के लिए नियम।
🔹 शौच (शुद्धता)
🔹 संतोष (संतुष्टि)
🔹 तप (संयम)
🔹 स्वाध्याय (धार्मिक अध्ययन)
🔹 ईश्वर प्रपत्ति (ईश्वर में समर्पण)
3️⃣ आसन (Asana) - शारीरिक स्थिति – ध्यान के लिए स्थिर और सुखद मुद्रा।
4️⃣ प्राणायाम (Pranayama) - श्वास पर नियंत्रण – प्राण (जीवन ऊर्जा) को नियंत्रित करना।
5️⃣ प्रत्याहार (Pratyahara) - इंद्रियों को बाहरी विषयों से हटाकर भीतर की ओर लगाना।
6️⃣ धारणा (Dharana) - एक विषय पर मन को एकाग्र करना – जैसे किसी मंत्र या बिंदु पर।
7️⃣ ध्यान (Dhyana) - लगातार और गहरा ध्यान – बिना भटके।
8️⃣ समाधि (Samadhi) - आत्मा और परमात्मा का मिलन – अंतिम स्थिति।
🕉️ योग की प्राचीनता:
योग हजारों वर्षों पुराना एक प्राचीन भारतीय ज्ञान है, जिसकी उत्पत्ति लगभग 5000 वर्ष पूर्व मानी जाती है।
✅ 1. सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमाण:
सिंधु घाटी (2600–1900 ई.पू.) की खुदाई में ऐसी मूर्तियाँ और मुद्रा (Posture) मिली हैं जिनमें व्यक्ति ध्यान या योगासन की स्थिति में दिखता है।
यह योग की प्राचीनता का पुरातात्विक प्रमाण है।
✅ 2. वेदों और उपनिषदों में योग:
ऋग्वेद, यजुर्वेद, उपनिषदों में योग की विधियों और ध्यान का उल्लेख है।
विशेषकर कठ उपनिषद में आत्मा और परमात्मा के योग की चर्चा है।
✅ 3. भगवद गीता (3000+ वर्ष पुरानी):
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म योग, ज्ञान योग, और भक्ति योग का उपदेश दिया।
✅ 4. महर्षि पतंजलि (लगभग 200 ई.पू.):
इन्होंने योगसूत्र के माध्यम से योग को एक व्यवस्थित दर्शन का रूप दिया।
इसे राज योग का आधार माना जाता है।
📜 निष्कर्ष:
योग कम से कम 5000 साल पुराना है, और समय के साथ यह वेद, उपनिषद, गीता और महर्षि पतंजलि जैसे महान ग्रंथों व आचार्यों के माध्यम से विकसित हुआ।
🧘♂️ योग का ऐतिहासिक कालक्रम (Timeline)
काल / युग
🏺 3000–2000 ई.पू.- सिंधु घाटी सभ्यता: ध्यान मुद्रा में मूर्तियाँ मिलीं – योग के पुरातात्विक प्रमाण।
📜 1500–1000 ई.पू.- वेद काल: ऋग्वेद, यजुर्वेद में योग और ध्यान का प्रारंभिक उल्लेख।
📖 1000–500 ई.पू.- उपनिषद काल: कठ उपनिषद, श्वेताश्वतर उपनिषद में आत्मा-परमात्मा के योग की चर्चा।
📘 500 ई.पू. – 200 ई.पू.- महावीर व बुद्ध का ध्यान और तपस्वी जीवन। योग ध्यान को नया स्वरूप मिला।
📗 200 ई.पू. – 200 ई.- महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र की रचना की। अष्टांग योग का प्रारूप दिया।
🕉️ 200 – 1200 ई.- हठ योग का विकास: नाथ योगियों जैसे गोरखनाथ ने इसे लोकप्रिय किया।
🏯 1200 – 1800 ई.- भक्ति आंदोलन और साधु-संतों के माध्यम से योग की परंपरा जीवित रही।
🌍 1800 – 1900 ई.- भारत में योग पर आधुनिक विचार: रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद आदि ने ध्यान को प्रचारित किया।
🌐 1900 – वर्तमान- बी.के.एस. अय्यंगर, श्री श्री रविशंकर, बाबा रामदेव आदि ने योग को विश्व स्तर पर पहुँचाया।
🗓️ 2014- संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया।
📅 21 जून 2015- पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया – 177 देशों का समर्थन।
योग की बेसिक जानकारी:
🧘♂️ 1. योग के मुख्य अंग (पतंजलि के अनुसार – अष्टांग योग)
यम – नैतिक नियम (जैसे अहिंसा, सत्य)
नियम – आत्मानुशासन (जैसे शौच, संतोष)
आसन – शारीरिक मुद्राएं
प्राणायाम – श्वास नियंत्रण
प्रत्याहार – इंद्रियों को नियंत्रित करना
धारण – मन को एक बिंदु पर केंद्रित करना
ध्यान – ध्यानावस्था
समाधि – आत्मा और परमात्मा का मिलन
🧘♀️ 2. योग के लाभ
तन और मन को शांति देता है
तनाव और चिंता को कम करता है
शरीर को लचीला, मज़बूत और ऊर्जावान बनाता है
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
नींद बेहतर होती है
आत्मिक विकास में मदद करता है
🧘♂️ 3. योग के प्रकार
हठ योग – शारीरिक अभ्यास व आसनों पर केंद्रित
राज योग – ध्यान और आत्मिक अनुशासन
भक्ति योग – प्रेम और भक्ति के मार्ग से ईश्वर की प्राप्ति
ज्ञान योग – ज्ञान के द्वारा मुक्ति
कर्म योग – कर्म के द्वारा साधना
कुंडलिनी योग – ऊर्जा जागरण पर केंद्रित
🧘♀️ 4. योग की शुरुआत कैसे करें?
सरल आसनों से शुरुआत करें (जैसे ताड़ासन, भुजंगासन, शवासन)
प्रतिदिन सुबह योग करना उत्तम है
ध्यान और प्राणायाम को धीरे-धीरे जोड़ें
गुरु या प्रशिक्षक से मार्गदर्शन लें
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