प्रार्थना के समय बच्चों की व्यक्तिगत साफ - सफाई का निरीक्षण
वर्तमान समय में जबकि शालाओं में सभी सुविधाएँ ( पाठ्यपुस्तक मध्यान्ह भोजन गणवेश छात्रवृत्ति आदि ) निःशुल्क प्रदान की जा रही है जिससे पालकों व छात्रों को सुविधा मिल रही है । देखा गया है कि अधिकांश बच्चो मैले कुचैले कपड़े पहन कर शाला आते हैं । इस ओर पालक बिल्कुल ध्यान नहीं देते । जब छात्र ऐसी स्थिति में शाला आता है तो शिक्षक का कर्तव्य होना चाहिए कि वह प्रार्थना के समय उसका निरीक्षण करें कि
1. वह साफ कपड़े पहन कर क्यों नही आया?
2. उसका कपड़ा फटा हुआ क्यों है ?
3. उसके बाल बढ़े हुए क्यों है ?
4. क्या कारण है कि वह बीमार या उदास लग रहा है ?
5. उसके नाखून क्यों बढ़े है ?
क्या करें :
इन सब बातों को एक दक्ष शिक्षक निरीक्षण कर पता करेंगे और उस छात्रों को जो भी साफ - सफाई से नहीं आया है . प्रार्थना के समय सामने बुलाकर उससे पूछेंगे , उसे सफाई से आने कहेंगे साथ ही उसके पालक को शाला में बुलाकर वस्तुस्थिति से अवगत करा कर उन्हें बच्चे के ओर ध्यान देने कहेंगे ।
प्रभाव : इससे पालक अपने बच्चों की ओर ध्यान देंगे , उनके साथ अन्य लोगों में भी सफाई के प्रति जागति आयेगी । व्यक्तिगत साफ - सफाई की आदत से सिलसिला शुरू होकर अपने आस - पास की साफ - सफाई के प्रति जागरूकता आएगी । शाला का वातावरण स्वच्छ होगा।
0 Comments