Nipun Bharat Mission Yojana 2021
निपुण भारत मिशन के अंतरगत सभी बच्चे जो ग्रेड 3 में पढ़ रहे हैं उन्हें कक्षा के अंत तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता में निपुण बनाना है। जिससे उन्हें वर्ष 2026 - 2027 तक पढ़ने, लिखने व अंक गणित करने की क्षमता मिल सके। बुनियादी शिक्षा मजबूत होने से छात्रों को आगे के पाठ्यक्रमों के लिए सुविधा हो जाएगी और पहले से बेहतर समझ उत्पन्न होगी। सरकार द्वारा इस निपुण भारत मिशन को पूरे देश में यानी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जल्द ही लागू कर देगी। बता दें की इस मिशन की शुरुआत देश में आयी नई शिक्षा नीति के बेहतर कार्यान्वयन के लिए हुआ है।
शुरुआत- 5 जुलाई 2021
NIPUN का फुल फॉर्म क्या है?
National lnitiative For Proficiency in Reading with understanding and Numeracy
नेशनल इनीशिएटिव फाॅर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी
समझ के साथ पढ़ने और गणना में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल
NIPUN BHARAT का लक्ष्य
2026-27 तक बाल वाटिका से कक्षा 3 तक के बच्चों को मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान कराना
आयु - 3 से 9 वर्ष
NIPUN BHARAT का संचालन कौन कर रहा है-
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग
निपुण भारत में कौन कौन सी कक्षा शामिल है
कक्षा- बाल वाटिका और कक्षा 1, 2 और 3
इस मिशन के अंतर्गत 3 से 9 वर्ष के बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा और उन्हें बेहतर बुनियादी शिक्षाप्रदान की जाएगी। इस मिशन के अंतर्गत वर्ष 2026 - 2027 तक का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत प्री स्कूल 1, प्री स्कूल 2 और प्री स्कूल 3 (बाल वाटिका ) के बाद ग्रेड 1 , ग्रेड - 2 और ग्रेड 3 की कक्षायें होंगी। इन छात्रों को इन कक्षाओं के दौरान भाषा और गणित का बेहतर ज्ञान दिया जाएगा।
बुनयादी साक्षरता मतलब क्या
बुनियादी साक्षरता वो योग्यता है जिसके माध्यम से विद्यार्थी पढ़ने लिखने, बोलने और व्याख्या करने में सक्षम होता है।
बुनयादी संख्यात्मता मतलब क्या
मूलभूत संख्यात्मकता संख्यात्मक विधियों और विश्लेषण का उपयोग करके दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को हल करने की क्षमता है।
इसी ज्ञान के आधार पर विद्यार्थी आगे की शिक्षा को ग्रहण कर सकता है। ये बुनियादी ज्ञान मुख्यतः बच्चों को ग्रेड - 3 तक प्राप्त करना होता है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा इसी तथ्य को ध्यान में रखकर कक्षा 3 तक के विद्यार्थियों के लिए निपुण भारत के अंतर्गत बुनियादी शिक्षा की नींव मजबूत करने का प्रावधान किया है।
मूलभूत भाषा एवं साक्षरता- 9 प्रकार
मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल- 6 प्रकार
मूलभूत भाषा एवं साक्षरता
- मौखिक पठन प्रवाह
- धवनियात्मक जागरूकता
- लेखन
- शब्दावली
- रीडिंग कंप्रीहेंशन
- मौखिक भाषा का विकास
- प्रिंट के बारे में अवधारणा
- डिकोडिंग
- कल्चर ऑफ रीडिंग
मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल
- गणितीय तकनीकें
- पूर्व संख्या अवधारणाएं
- आकार एवं स्थानिक समाज
- मापन
- नंबर एंड ऑपरेशन ऑन नंबर
- पैटर्न
कुछ महत्वपूर्ण कदम भाषा और साक्षरता विकास को बढ़ाने के लिए
- कहानियां एवं कविताएं सुनना, बताना और लिखना
- सॉन्ग एंड राइम्स
- अनुभव साझा करना
- एक प्रिंट समृद्धि वातावरण बनाना
- ऊंचे स्वर में पढ़ना
- ड्रामा और रोल प्ले
- पिक्चर रीडिंग
- शेयर ट्रेडिंग
- कक्षा की दीवारों का उपयोग करना
- अनुभव आधारित लेखन
- मिड डे मील
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