सेवानिवृत्त शिक्षकों की उपस्थिति मनाया गया गुरुपूर्णिमा
गुरु शिष्य परंपरा भारत की गौरवमयी परंपरा रही है। अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने, ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए उनका सम्मान करने के लिए शासकीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला अचानकपुर में गुरू पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त शिक्षक श्री शंकर सिंह ठाकुर(ठाकुरटोला), श्री नंदकुमार देवांगन(पैलीमेटा), श्री गीताराम आदिवासी(पैलीमेटा) का तिलक लगा कर, पुष्प गुच्छ, श्रीफल और शॉल भेंट कर सम्मान किया गया। तत्पश्चात मिडिल स्कूल प्रधान पाठक श्री पन्नालाल जंघेल ने स्वागत उद्बोधन दिया। प्राथमिक शाला की प्रधान पाठक श्रीमती सुमित्रा कामड़े ने गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते हुए अपनी बात रखी। वही शिक्षक श्री उजय जंघेल ने गुरु-शिष्य परंपरा और गुरुकुल के संबंध विभिन्न जानकारी प्रदान की। नवनिर्वाचित बाल कैबिनेट के पदाधिकारियों उमेश, टामेंद्र, केसरी, पंकज, सानिया, मोनिका, भावेश, कोमल आदि ने अतिथि बनकर आए गुरुओं का सम्मान किया। साथ ही गुरु पूर्णिमा पर भाषण एवं इस अवसर प्राचीन गुरुकुल परंपरा और उसका भारतीय संस्कृति पर प्रभाव निबंध का वाचन किया। श्री देवांगन ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैं इसी गांव की स्कूल में अपनी पूरी सेवाकाल गुजारा है, मेरी प्रथम नियुक्ति एवं सेवानिवृत्त इसी शाला में हुआ है। श्री शंकर सिंह ठाकुर ने अपने उद्बोधन में कहा जब यहां शाला प्रारंभ हुआ तो मैं व्यवस्था के तहत यहां शाला का शुभारंभ किया। शिक्षक श्री गीताराम आदिवासी ने अपने मधुर स्वर में देशभक्ति गीत गाकर बच्चों को अपनी ओर आकर्षित किया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक श्री चेतराम वर्मा ने किया। इस अवसर पर शाला के शिक्षक श्रीमती धर्मशीला जंघेल, श्री प्रमोद साहू और छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
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